वरिष्ठ कवि, कथाकार एवं शिक्षाविद संतोष चौबे जी द्वारा लिखित चर्चित पुस्तकें अब 10–18 जनवरी 2026 तक प्रगति मैदान, नई दिल्ली में उपलब्ध। आईसेक्ट पब्लिकेशन के स्टॉल पर साहित्य, विचार और संवेदना की दुनिया से जुड़ने का अवसर न चूकें।
When a technologist who sold two million copies of a computer textbook in Hindi says that India’s next big skill is language,
View more
राजस्थान के नीमराना में आयोजित दो दिवसीय राठ रंग महोत्सव में शामिल होना गर्व का क्षण रहा। इस अवसर पर साझा संसार फाउंडेशन (नीदरलैंड) और राठ की धरा–जाट बहरोड़ द्वारा “प्रथम अंतरराष्ट्रीय मैक्समूलर अलंकरण–2025” से सम्मानित किया गया। यह सम्मान हिंदी भाषा, साहित्य, संस्कृति और कला के वैश्विक प्रचार-प्रसार एवं उन्नयन के लिए किए गए कार्यों की सराहना स्वरूप प्रदान किया गया। इस सम्मान ने समाज और संस्कृति के प्रति और अधिक समर्पण के साथ कार्य करने की प्रेरणा दी है।
साहित्य, कला और संस्कृति के वैश्विक संवाद का यह ऐतिहासिक उत्सव सृजन, संवाद और सहयोग की अविस्मरणीय यात्रा बना।
कार्यक्रम में प्रमुख न्यूज़ चैनलों ने हिस्सा लिया और विश्वरंग के आगामी सेशंस व गतिविधियों पर विशेष चर्चा हुई। इस अवसर पर श्री संतोष चौबे (विश्वरंग निदेशक), डॉ. जवाहर कर्णावत, डॉ. पूजा शुक्ला, डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी, डॉ. अदिति चतुर्वेदी और श्री विनय उपाध्याय उपस्थित रहे।
“नमस्कार एम.पी.” में 'भारतीय संस्कृति और वैश्विक मंच Vishwarang 2025' की परिकल्पना तथा इसकी अब तक की वैश्विक यात्रा पर अपने विचार साझा करेंगे—श्री संतोष चौबे, वरिष्ठ कवि–कथाकार, निदेशक, विश्वरंग एवं कुलाधिपति, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल।* *इस विशेष अवसर पर श्री संतोष चौबे से संवाद करेंगे श्री कुणाल सिंह, युवाकथाकार एवं संपादक, वनमाली कथा।* *आप भी इस कार्यक्रम से सीधे जुड़कर Vishwarang 2025 से जुड़े अपने प्रश्न रख सकते हैं। प्रश्न के लिए दूरदर्शन के फोन नंबर : 0755-2660049 एवं टोल-फ्री नंबर: 0755-2660232 पर संपर्क कर सकते हैं। फोन लाइंस 24 नवंबर 2925 सोमवार सुबह 9:30 बजे खुलेंगी।*
संतोष चौबे टैगोर अंतरराष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव – विश्व रंग में आपका स्वागत है। ये शायद देश में पहली बार है कि कोई शैक्षिक संस्थान – रबींद्र नाथ टैगोर विश्वविद्यालय एवं डॉ. सी.वी. रामन् विश्वविद्यालय, इस तरह का साहित्य एवं कला महोत्सव आयोजित कर रहे हैं। देश में आयोजित होने वाले कई अन्य साहित्य उत्सवों के बदले विश्व रंग हिंदी और भारतीय भाषाओं को कैंद्रीयता प्रदान करता है। एक ओर तो यह हिंदी और भारतीय भाषाओं के बीच आपसदारी और परस्पर सम्मान का रिश्ता कायम करना चाहता है तो दूसरी ओर बोलियों से भी एक रसभरे संवाद की शुरुआत करना चाहता है।
View more
रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय एवं डॉ. सी.वी. रमन विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किये जाने वाला टैगोर अन्तरराष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव, शायद देश में अपनी किस्म का पहला आयोजन है जो किसी शैक्षिक संस्थान द्वारा किया जा रहा है। जहाँ टैगोर साहित्य के क्षेत्र में देश के पहले नोबल पुरस्कार विजेता थे, वहीं सी.वी. रामन को विज्ञान में देश का पहला नोबल पुरस्कार प्राप्त करने का गौरव हासिल है। इन महान भारतीयों के नाम पर स्थापित हमारे दोनों विश्वविद्यालय इस बात पर ज़ोर देते हैं कि विज्ञान और तकनीक के शिक्षण के साथ-साथ साहित्य एवं कलाओं का शिक्षण भी उतना ही महत्वपूर्ण है और एक संतुलित मनुष्य के निर्माण में वैज्ञानिक दृष्टि और कलात्मक संवेदना दोनों का होना आवश्यक है। इसमें अपनी भाषा और परंपरा के प्रति गर्व और सम्मान की भावना भी सन्निहित है।
View more